Saturday, January 3, 2009

टाइटेनिक यात्रियों के पत्र होंगे नीलाम

टाइटैनिक जहाज को डूबे एक लम्बा अरसा बीत गया, पर अभी भी उसकी यादें लोगों के जेहन में हैं। सबसे नई खबर यह है कि दुर्घटनाग्रस्त जहाज टाइटेनिक के यात्रियों के दो पत्रों को 16 जनवरी को न्यूयार्क में नीलाम किया जाएगा। इसमें एक पत्र उस काले दिन की घटना के अंतिम क्षणों का हृदय विदारक विवरण देता है, जब टाइटेनिक डूब रहा था। यह पत्र एडोल्फ साल्फेल्ड ने जल्दबाजी में अपनी पत्नी को लिखा था, जब 1912 में टाइटेनिक पहली समुद्री यात्रा के लिए साउथेंपटन से रवाना हुआ था और उत्तरी अटलांटिक में किसी हिमखंड से टकराकर डूब गया था जिसमें 1,500 यात्री मारे गए थे। नीलाम होने वाला दूसरा पत्र जाॅर्ज ग्राहम ने लिखा था, जो डिपार्टमेंट स्टोर का सेल्समैन था। स्पिंक स्मिथ नीलामघर के विशेषज्ञ राॅबर्ट लितजेनबर्गर ने अनुसार, इस पत्र में आर0एम0एस0 टाइटेनिक की मुहर लगी है और यह दुर्घटना से जुड़ी बहुमूल्य व दुर्लभ वस्तुओं में से एक है। इन पत्रों की नीलामी में प्रत्येक की बिक्री से 10 हजार से 20 हजार डाॅलर की आय होने की संभावना है। इन वस्तुओं को न्यूयार्क में और स्पिंक स्मिथ की वेबसाइट पर आॅनलाइन बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। सो तैयार हो जाइये, आप भी इस नीलामी में भाग ले सकते हैं !!

11 comments:

Bhanwar Singh said...

Thanks for such nice information.

Akanksha Yadav said...

Atit ki virasat ko sahejana hamesha achha lagta hai.

KK Yadav said...
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रश्मि प्रभा... said...

nilaami me bhaag le paaun ye sambhaw nahi,par us patra ko mahsus kar rahi hun,aur yah anubhuti aapke lekh se mili hai.......shukriyaa,is dharohar ki jaankaari ke liye

Unknown said...

सुन्दर बात बताई आपने..धन्यवाद.

Amit Kumar Yadav said...

पत्रों की महिमा अपरम्पार है.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

इन पत्रों को महफूज़ रखने की जरुरत है.

* મારી રચના * said...

hmmm dakiyaji ne acchi baat batai...
shukriyaa

Ram Shiv Murti Yadav said...

Bahut khub..

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

बहुत-बहुत धन्यवाद इतनी उम्दा जानकारी के लिए.

Amit Kumar Yadav said...

''स्वामी विवेकानंद जयंती'' और ''युवा दिवस'' पर ''युवा'' की तरफ से आप सभी शुभचिंतकों को बधाई. बस यूँ ही लेखनी को धार देकर अपनी रचनाशीलता में अभिवृद्धि करते रहें.