Wednesday, April 29, 2015

अब डाकघर के एटीएम से निकाल सकेंगे पैसे

जोधपुर में डाक विभाग ने शुरू किया पहला एटीएम। पोस्ट्मास्टर जनरल सुश्री शिउली बर्मन और निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने किया उद्घाटन। (साभार : दैनिक नवज्योति)




अब डाकघर के एटीएम से निकाल सकेंगे पैसे : जोधपुर में डाक विभाग का पहला एटीएम शुरू, एक दिन में 25 हजार तक की निकासी। (साभार : राजस्थान पत्रिका)



जोधपुर प्रधान डाक घर में शुरू हुआ राजस्थान का दूसरा एटीएम। (साभार : पंजाब केसरी)







Tuesday, April 28, 2015

जोधपुर प्रधान डाकघर में राजस्थान पश्चिमी डाक क्षेत्र के पहले एटीएम का उद्घाटन


डाकघर से जुड़े उपभोक्ताओं के लिए जोधपुर में बहुप्रतीक्षित एटीएम सेवा मंगलवार से शुरू हो गई। जोधपुर प्रधान डाकघर प्रांगण में लगे एटीएम का उद्घाटन राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र की पोस्ट्मास्टर जनरल शिउली बर्मन और निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने 28 अप्रैल को  शिलापट्ट का अनावरण कर एवं फीता काटकर किया। राजस्थान में  जयपुर के बाद डाक विभाग का यह दूसरा एटीएम है, जिसने कार्य करना आरम्भ कर दिया है।  इसके बाद डाकघरों के बचत खाता धारक भी अब एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में जोधपुर में 4,21,932 से ज्यादा खाता धारक हैं, जो एटीएम का लाभ उठा सकते हैं।

इस अवसर पर राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र की पोस्ट्मास्टर जनरल शिउली बर्मन ने कहा कि डाक विभाग नवीन टेक्नोलाजी के तहत नित्य अपने ग्राहकों को अच्छी सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है और डाक विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना ’आईटी मार्डनाइजेशन प्रोजेक्ट’ के तहत सीबीएस इस दिशा में एक मील का पत्थर है। डाकघरों में सीबीएस के ही क्रम  में एटीएम लगाये जा रहे हैं। उन्होंने  बताया कि राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र में  84 डाकघरों में सीबीएस आरम्भ किया जा चुका है, जिनमें 19 प्रधान डाकघर शामिल हैं। इनमें से आरम्भिक तौर पर 6 डाकघरों में एटीएम लगाये जा चुके हैं, इन्हें शीघ्र ही ग्राहकों के लिए क्रियान्वित कर दिया जायेगा।  इनमें जोधपुर के अलावा जैसलमेर, बीकानेर, चुरू, पाली व डीडवाना प्रधान डाकघर शामिल  हैं। शिउली बर्मन ने बताया कि एटीएम सेवा आरम्भ होने के बाद डाकघरों में बचत खाता रखने वाले लोग भी अब डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे और  बैंकों की तर्ज पर किसी भी डाकघर से लेन-देन और एटीएम सुविधा का उपयोग हो सकेगा। रकम निकासी के साथ ग्राहक अपना स्टेटमेंट भी ले सकेंगे। 

 राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं  कृष्ण कुमार यादव ने इस अवसर पर कहा  कि सीबीएस से जुड़ने के बाद डाकघरों में एनीव्हेयर एनीटाइम बैंकिंग के तहत क्रमबद्ध रूप में धीरे-धीरे ग्राहकों को आन लाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग  इत्यादि की सुविधाएँ भी दी जाएँगी। डाकघरों में लगने वाले एटीएम के सम्बन्ध में निदेशक डाक सेवाएं  कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि  पूरे देश में 100 से भी ज्यादा एटीएम डाकघरों में लगाये जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 60 ने कार्य करना भी आरम्भ कर दिया है।  आरम्भिक तौर पर इस एटीएम का इस्तेमाल डाक घरों के खाताधारक ही कर सकेंगे। उन्हीं उपभोक्ताओं को एटीएम कार्ड जारी किए जाएंगे, जिस बैंक में एटीएम मशीन संचालन शुरू हुआ है। उपभोक्ता का खाता उसी डाकघर में होना जरूरी है।  इस एटीएम से एक दिन में 25 हजार रूपये और एक बार में 10 हजार रूपये निकालने की सुविधा होगी । निकासी शुल्क नहीं लगेगा। श्री यादव ने बताया कि खाताधारकों को एटीएम की सुविधा लेने हेतु एटीएम कार्ड आवेदन फार्म भरकर जमा कराना होगा। इसमें केवाईसी (नो योर कस्टमर) के तहत खाता संख्या से जुड़े दस्तावेज, पहचान पत्र व घर के पते की प्रमाणित प्रति  भी उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने बताया कि एटीएम से जुड़ने वाले हर डाकघर में 50 इंस्टा कार्ड भेजे गए हैं, इसलिए प्रक्रिया पूरी करने के तत्काल बाद कार्ड बन जाएगा।  कार्ड संबंधित डाकघर से ही लेना होगा।

इस अवसर पर जोधपुर मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक जेठमल जीनगर, प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर हेमराज राठौड़, सहायक निदेशक कानसिंह राजपुरोहित, तरूण कुमार शर्मा, विनय खत्री, राजेन्द्र सिंह भाटी, सुदर्शन सामरिया, मनोज पाणिग्राही सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी, बचत अभिकर्तागण इत्यादि  उपस्थित रहे। 
















Friday, April 24, 2015

चिट्ठियों ने जिया लम्बा दौर

इलाहाबाद के रहने वाले कृष्ण कुमार यादव करीब महीने भर पहले ही यहाँ राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर में डाक सेवाओं के निदेशक पद पर स्थानांतरित होकर आए हैं।  भारतीय डाक सेवा (आईपीएस) के अधिकारी यादव ने आते ही सुकन्या समृद्धि योजना सहित डाक विभाग की विभिन्न योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने के लिए मेले और डाकघरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए।  उनके महीने भर के कार्यकाल में ही जोधपुर में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत करीब 20 हजार बेटियों ने खाते खुलवाए जो बेटियों की शादी व कॅरियर के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।  डाक विभाग के बारे में उनकी योजनाओं व उनके व्यक्तित्व की जानकारी के लिए राजस्थान पत्रिका के संवाददाता गजेंद्र सिंह दहिया बुधवार दोपहर उनके दफ्तर पहुँचे।  पेश  है बातचीत के कुछ अंश -

प्रश्न  : आपको नहीं लगता कि डाक विभाग का महत्व दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है?
उत्तर : डाक विभाग ने 1854 में अपनी स्थापना से अब तक डेढ़ युग से अधिक का सफर तय किया है।  आर्टिकल डिलीवरी के लिए प्रसिद्ध इस विभाग की चिट्ठियों, पोस्टकार्ड और अंतरर्देषीय पत्र ने एक लम्बा दौर जिया है।  पेजर आया खत्म हो गया।  लैण्डलाईन फोन केवल सरकारी दफ्तरों में बचे हैं।  सोषल मीडिया आने के बाद मोबाइल की एसएमएस सेवा खत्म होने के कगार पर है, लेकिन चिट्ठियाँ आज भी आ रही हैं और जा रही हैं, बस स्वरूप व जरुरत थोड़ी बदल गई।

प्रश्न  : अन्य देशों की तुलना में भारतीय डाक में क्या अंतर है?
उत्तर : मैं भारतीय डाक अकादमी की ओर से दक्षिण कोरिया गया।  वहाँ डाकघर माॅल की तरह हैं  जहाँ ग्राहकों को डाकघर में हर सुविधा दी जा रही है,  यानी वे कामर्शियल  हो गया है, लेकिन भारतीय डाक ने अभी तक अपने आपको सामाजिक सरोकार से जोड़ रखा है।

प्रश्न  : डाक विभाग के पास देश में 1.50 लाख डाकघरों का नेटवर्क है वो भी प्राइम लोकेशन पर, वो इसका रिटेलिंग व मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल क्यों नहीं करते ?
उत्तर : देश  के 70 फीसदी लोग गाँवों में रहते हैं।  उनको आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाना विभाग का पहला काम है।  वैसे डाक विभाग धीरे-धीरे आईटी माॅर्डनाइजेशन की ओर बढ़ रहा है।

प्रश्न  : अपने बारे में बताइए?
उत्तर : मेरा जन्म 10 अगस्त,1977 को  उत्तर प्रदेश प्रदेश  के आजमगढ़ में हुआ।  शिक्षा इलाहाबाद में हुई।  एमए (राजनीति शास्त्र) फाईनल ईयर के दौरान ही 2001 में मेरा यूपीएससी में आईपीएस में चयन हो गया।  पिता श्री राम शिव मूर्ति यादव जी स्वास्थ्य अधिकारी रहे हैं और माता श्रीमती विमला गृहिणी हैं।  तीन भाई-बहिनों में सबसे बड़ा हूँ।  छोटी बहन उत्तर प्रदेश में शिक्षक है और भाई सिविल सेवा की तैयारी कर रहा है।  शादी 2004 में काॅलेज में लेक्चरर आकांक्षा से हुई जो वर्तमान में फ्री लांसिंग करती हैं।  मेरी दो बेटियाँ हैं।

प्रश्न  : आप सिविल सेवा में ही आना चाहते थे?
उत्तर : नहीं, मैं डाॅक्टर बनना चाहता था, लेकिन पापा ने सिविल सर्विसेज़  में आने को कहा।  मैंने उनसे कहा कि यह परीक्षा कठिन है तो उनका जवाब था कि इस दुनिया में जो भी कुछ बनता है, करता है, वह मनुष्य  ही है।

प्रश्न  : आप एक कवि व साहित्यकार भी हैं और आपकी पत्नी भी?
उत्तर : जी हाँ, मेरी अब तक सात पुस्तकें और आकांक्षा की दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।  कविता, कहानी, लघुकथा व बाल कविताओं के लिए कई सम्मान भी मिले हैं।  मैं और आकांक्षा ब्लाॅग भी लिखते हैं।  साहित्य लेखन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन के समय परवान चढ़ा था।



( साभार : 'राजस्थान पत्रिका' (24 अप्रैल, 2015), जोधपुर  में प्रकाशित कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर का साक्षात्कार : चिट्ठियों ने जिया लम्बा दौर.

Tuesday, April 21, 2015

बेटियों को आर्थिक आजादी की जरूरत : जन्मदिन पर दें सुकन्या समृद्धि खाते का उपहार

भारत सरकार की लोकप्रिय एवं कल्याणकारी सुकन्या समृद्धि योजना  को प्रोत्साहित  करने हेतु एक मेला का आयोजन डाक विभाग के आरएमएस कार्यालय में किया गया। मेले का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएं राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर एवं आमंत्रित विशिष्ठ अतिथि श्रीमती  भगवती देवी, प्राचार्य राजकीय उम्मेद कन्या सेकेंडरी स्कूल, डॉक्टर मोहन मकवाना, एसोसिएटेड प्रोफेसर एवं ज्ञानेश उपाध्याय, स्थानीय  सम्पादक राजस्थान पत्रिका के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएं ने बालिकाओं को पासबुकों का वितरण मौके पर ही किया।
इस अवसर पर अपने सारगर्भित सम्बोधन में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव  ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के अंतर्गत बालिकाओं  के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ हैं। इस योज़ना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमे जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर  एवं विवाह में उपयोगी होगी। श्री यादव ने कहा कि 21 वीं  सदी में बेटियों की भूमिका अहम हो गई हैं और सुकन्या समृद्धि योज़ना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होने कहा कि.हर बेटी को उसके जन्म पर अभिभावकों द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये।

रेल डाक सेवा, जोधपुर के अधीक्षक श्री जेठमल जीनगर  ने अपने उदबोधन में बताया कि आरएमएस के इतिहास में यह पहला मौका है कि जहाँ इस प्रकार का बचत मेला का आयोजन हुआ है। मेले के दौरान तमाम नये समृद्धि खातों का लक्ष्य अर्जित हुआ है। एक सुकन्या समृद्धि खाता संख्या 16400071  सुश्री श्रेष्ठा  मकवाना के नाम खुला है, जो सर्वाधिक राशि रु॰ 21000/-  से  खुला है। 

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि श्रीमति भगवती देवी प्राचार्या एवं डॉ0 मोहन मकवाना, एसोसिएटेड प्रोफेसर, एस. एन. मेडिकल कॉलेज ने योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा डाक विभाग द्वारा मेला आयोजन कर सेवा का महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है। विशिष्ठ अतिथि श्री ज्ञानेश उपाध्याय, स्थानीय  सम्पादक, राजस्थान पत्रिका ने अपने उद्बोधन में कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा। 

श्री पेमाराम मेवाड़ा प्रधान अभिलेख अधिकारी ने अतिथियों का स्वागत किया तथा श्री जीवनराम जाट पर्यवेक्षक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का  संचालन श्री दीपक कुमार कार्यालय पर्यवेक्षक मण्डल कार्यालय आरएमएस ने किया। इस अवसर पर डाक विभाग के तमाम अधिकारी-कर्मचारियों के साथ स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक व अध्यापक भी शामिल हुए।



Monday, April 20, 2015

जोधपुर प्रधान डाकघर में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये आयोजित हुआ मेला


आज का दौर बेटियों का है। बेटियांँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए बेटियों की उच्च शिक्षा और उनके विवाह में सुविधा के लिए डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र में चल रहे  सुकन्या समृद्धि योजना मेलों के क्रम में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने प्रधान डाकघर जोधपुर में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये आयोजित मेले में 18 अप्रैल को व्यक्त किये। 


प्रधान डाकघर जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा  कि सामान्यतया यह स्कीम 10 साल तक की बच्चियों के लिए है, पर अधिकाधिक लोगों को इससे जोड़ने हेतु फिलहाल यह उपबंध किया गया है कि 1 दिसंबर 2015 तक खाते उन बच्चियों के नाम भी खोले जा सकते हैं जिनका जन्म 3 दिसंबर, 2003 को या उसके बाद हुआ हो।  मात्र सौ रूपये प्रतिमाह जमा करके इस योजना से जुड़ा जा सकता है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हंै। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 14 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि इस पर सरकार ने ब्याज 9.1 से बढाकर 9.2 प्रतिशत कर दिया है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्राविधान है। 

इस दौरान ऑनस्पॉट कुल 1000 बालिकाओं के खाते खोले गये। इन सभी को निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने पासबुकें देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की।

इस अवसर पर जोधपुर प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर श्री हेमराज राठौड़ ने बताया कि खाता खोलने के लिए बालिका का जन्म प्रमाणपत्र, अभिभावक का फोटोग्राफ, जमाकर्ता की पहचान और आवासीय प्रमाण से संबंधित दस्तावेज जरूरी है।

स्वागत संभाषण  सीनियर पोस्टमास्टर श्री हेमराज राठौड़ द्वारा, आभार ज्ञापन अनिल कौशिक द्वारा एवं कार्यक्रम का संचालन सहायक डाक अधीक्षक श्री रामलाल मुण्ड द्वारा किया गया। इस अवसर पर सहायक निदेशक कानसिंह राजपुरोहित, तरूण कुमार शर्मा, सहायक डाक अधीक्षक, सुदर्शन सामरिया, राजेन्द्र सिंह भाटी  निरीक्षक डाकघर भी उपस्थित रहे।


Thursday, April 9, 2015

बेटियों के लिए 'सुकन्या समृद्धि योजना' : डाकघरों ने खोले 27.72 लाख खाते, 310 करोड़ रूपये जमा

बेटियों के लिए मुहिम आखिर रंग लाई। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत पूरे देश में डाकघरों ने मात्र 2 माह में  दस साल तक की बेटियों के 27 लाख से ज्यादा (27,72,309) खाते खोले, जिनमें 310 करोड़ रूपये जमा हुए। जबकि इसी दौरान सभी अधिकृत बैंकों ने मिलकर मात्र 1. 8 लाख सुकन्या समृद्धि खाते ही खोले।




  ……… एक अच्छी ख़बर यह है कि सरकार ने इस वित्त वर्ष में सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 9.1 % से बढाकर 9.2 % कर दिया है !!



Wednesday, April 1, 2015

अब डाक सेवाएं भी जुड़ी एस.एम.एस. सुविधा से : बुकिंग पर प्रेषक व प्राप्तकर्ता को एस.एम.एस. द्वारा मिलेगा संदेश

डाक विभाग अपनी सेवाओं को नित् नई टेक्नालाजी से जोड़ रहा है। इसी क्रम में डाक विभाग ने तकनीकी क्षेत्र में कदम बढाते हुये इलेक्ट्रानिक मनीआर्डर के ग्राहकों के लिए एसएमएस की सुविधा शुरू की है। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि  डाक विभाग द्वारा नये मनीआर्डर बुकिंग फार्म में पैसा भेजने वाले एवं पाने वाले के नाम व पते के अतिरिक्त मोबाईल नम्बर की सूचना भी दिए जाने का भी प्रावधान दिया गया है। इस मोबाईल नम्बर पर इलेक्ट्रानिक मनीआर्डर बुक होते ही पैसा भेजने वाले व पाने वाले के पास एसएमएस से संदेश पहुंच जायेगा। इससे पैसा पाने वाला व्यक्ति तत्काल अपने पोस्टमैन अथवा वितरण डाकघर से सम्पर्क कर पैसा प्राप्त कर सकेगा।

 
डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि एसएमएस द्वारा यह संदेश प्रदान करने की सुविधा डाक विभाग की अन्य सुविधाओं जैसे स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट, एक्सप्रेस व बिजनेस पार्सल इत्यादि पर भी शुरू की गई है। इससे प्राप्तकर्ता को अपने नाम से बुक की गई उपरोक्त डाक वस्तु की जानकारी तत्काल प्राप्त होगी व वितरण तीव्रता से होगा।

डाक निदेशक श्री यादव ने ग्राहकों से भी अनुरोध किया है कि डाक विभाग की कोई भी सेवा लेते समय अपने मोबाईल नम्बर डाकघर में अवश्य उपलब्ध करवाएं। इससे त्वरित सेवा देने में आसानी होगी। डाकघरों में कार्यरत कर्मचारियों को भी इस सुविधा की जानकारी ग्राहकों को प्रदान करने व बुकिंग के समय आवश्यक रूप से मोबाईल नम्बर प्राप्त कर बुक करने के निर्देश दिये गये हैं।